कविता

कॉमेडी किंग को नमन

राजू श्रीवास्तव जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

जो रोते हुए को हंसा सके
ऐसी कला किसी में कहाँ
हँसते हुए को रुलाने की कला
हर कोई है रखे हुए
संघर्षों से जो नहीं डरे
मौत से है ठनकर लड़े
दिलों में जिन्दा लोगों के हमेशा
हंसी के पल संजोये हुए
जिंदादिली ऐसी कि
नहीं मिले देखने को कहीं
नहीं डिगा पाए यम भी आसानी से
इक्तालीस दिन थे हारे हुए
ऐसे कलाकार को है मेरा
भावपूर्ण शत-शत नमन
हिन्दुस्तान का हीरा है
आसमां में टिमटिमाते हुए
— सौम्या अग्रवाल

सौम्या अग्रवाल

अम्बाह, मुरैना (म.प्र.)