इतिहास

अटलबिहारी वाजपेयी

श्री अटलबिहारी बाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ. उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी था वो एक अध्यापक थे उनकी माता का नाम कृष्णा देवी था. वह एक घरेलू महिला थी. बिहारी जी बचपन से अंतर्मुखी और प्रतिभा सम्पन्न थे. उनको प्रारंभिक शिक्षा शिक्षा सरस्वती   गोरखी बाड़ा में हुई.वह अच्छे कवि भी थे .उनकी रचनायों  देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत रहती थी .
कॉलेज जीवन से बिहारी जी ने राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरु कर दिया था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख कार्यकर्ता नारायण राव तरेट ने उन्हें बहुत प्रभावित किया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शाखा प्रभारी के रूप में कार्य किया, 1942 में बाजपेयी राजनीति में आये जब भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था 1951 में आर एसएस के सहयोग से भारतीय जनसंघ पार्टी का गठन हुआ , बर्ष 1952 में बाजपेयी जी पहली बार लखनऊ से उपचुनाव लड़ा लेकिन हार गए , 1962 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए 1967 में फिर से उपचुनाव हुआ जहां से जीतकर वो सांसद बने,
1968 में बाजपेयी जी जनसंघ के अध्यक्ष बने 1971 में 5 वें लोकसभा चुनाव में बाजपेयी जी मध्यप्रदेश के ग्वालियर संसदीय सीट जीतकर संसद पहुँचे . आपातकाल के बाद हुए चुनाव से 1977 और फिर 1980 के मध्याविधि चुनाव में उन्होंने नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र का का प्रतिनिधित्व किया. आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की जीत हुए और वे मोरार देसाई जी की सरकार में विदेश मामलों के मंत्री बने विदेश मंत्री बनने के बाद वाजपेयी पहले नेता थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासंघ को हिंदी में संबोधित किया. इसके बाद जनता पार्टी बिखर गई बाजपेयी जी जनता पार्टी को छोड़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए.
उनको अनेक पुरुस्कार से सम्मानित किया गया . 1994 में कर्नाटक और 1995 में गुजरात और महाराष्ट्र में परंतु जब चुनाव जीत गयी उसके बाद पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष आडवाणी ने बाजपेयी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. वाजपेयी जी 1996 से लेकर 2004 तक 3 बार प्रधानमंत्री बने.  1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और बाजपेयी जी पहली बार प्रधानमंत्री बनें. उनकी सरकार 13 दिनों में संसद में पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण सरकार गिर गयी. 1998 के दोबारा चुनाव में लोकसभा में सीटें अधिक मिली कुछ अन्य पार्टियों के सहयोग से बाजपेयी जी ने एनडीए का गठन किया. और वे फिर प्रधानमंत्री बनें  यह सरकार 13 महीने चली.
इसके बाद 1999 में फिर से लोकसभा के चुनाव के बाद  भाजपा फिर सत्ता में आई . बाजपेयी जी ने 2004 तक अपने पद पर बने रहें अपना कार्यकाल पूरा किया.
पूर्व प्रधानमंत्री लंबे समय से बीमार चल रहे बाजपेयी जी को एम्स में भर्ती किया गया .जहाँ उनका लंबा इलाज चला 16 अगस्त 1918 को उनका निधन हो गया.
— पूनम गुप्ता 

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश