कविता

हो मेरा संसार आ

मेरे प्राणाधार तुम,
इस जीवन का सार तुम।
ईश्वर का उपहार तुम,
हो मेरा संसार तुम।।
सुख दुःख के हम साथी,
तुम दीपक हम बाती।
जोड़ें मन के तार हम,
हो मेरा संसार तुम।।
होंगे हम जब तक संग,
जीवन में होंगे रंग।
पतझड़ बीच बहार तुम,
हो मेरा संसार तुम।।
जाए साथ छूट अगर,
मुश्किल हो जाए सफ़र।
लेना सिर्फ़ पुकार तुम,
हो मेरा संसार तुम।।
मेरे प्राणाधार तुम,
इस जीवन का सार तुम।
ईश्वर का उपहार तुम,
हो मेरा संसार तुम।।

— मीनेश चौहान “मीन”

मीनेश चौहान "मीन"

फर्रूखाबाद (उत्तर प्रदेश)