बाल कहानी

सोनू की चतुराई

बहुत पुरानी बात है। नन्दन वन में अन्य बहुत सारे जीव जंतुओं के साथ मोनी नामक एक मैना भी रहती थी। वह बहुत घमंडी तथा मनमौजी स्वभाव की थी। दूसरों को परेशान करने, उनकी हँसी उड़ाने में उसे बहुत आनंद आता था। यही कारण है कि उसे कोई भी पसंद नहीं करता था। सभी उससे दूर ही रहते थे।

एक दिन की बात है। शाम हो चुकी थी, लेकिन उसे खाने को कुछ भी नहीं मिला था। उसे बहुत जोर की भूख लगी थी। तभी उसे सड़क किनारे रोटी जैसी कोई चीज दिखी। उसने पास जाकर देखा। रोटी ही थी। एकदम सूखी और कड़क। नहीं मामा से काना मामा भला सही, उसने सोचा। उसने रोटी को उलट-पलटकर साफ किया, फिर चोंच से रोटी को तोड़ने की प्रयास किया। पर रोटी थी कि टूटने का नाम ही न ले।

मोनी गुस्से से जोर-जोर से रोटी पर चोंच मारने लगी। रोटी तो नहीं टूटी, लेकिन मोनी की चोंच जख्मी जरूर हो गई।

पुराने बरगद पेड़ पर बैठा सोनेू कबूतर मोनी की हरकतों को बहुत देर से चुपचाप देख रहा था। सोनू मोनी के पास आकर बोला, ‘‘मोनी, यदि तुम इस रोटी का आधा हिस्सा मुझे दोगी, तो मैं तुम्हारी रोटी को खाने लायक बना दूँगा।’’

मोनी ने बड़े रूखेपन से जवाब दिया, ‘‘मुझे तुम्हारे सहयोग की कोई जरूरत नहीं है। मैं खुद इसे तोड़ सकती हूँ।’’ वह और भी जोर-जोर से चोंच मारने लगी। रोटी तो नहीं टूटी, हाँ मोनी के चोंच से खून टपकना जरूर शुरू हो गया। मोनी ने अगल-बगल देखा, जब कोई न दिखा, तो उसने रोटी को पास ही एक झाड़ी में फेंक कर उड़ गई।

उसे झाड़ी में फेंकते हुए सोनू ने देख लिया। वह बिना देर किए झाड़ी के पास गया। रोटी को चोंच में दबाकर पास के तालाब पर गया। रोटी को पानी में डुबाया। लाकर किनारे रखा। पाँच मिनट में ही रोटी मुलायम हो गई। उसे खाकर सोनू ने अपनी भूख मिटाई।

— डॉ . प्रदीप कुमार शर्मा

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) अब तक कुल 16 पुस्तकों का प्रकाशन, 60 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : pradeep.tbc.raipur@gmail.com डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888