गीत/नवगीत

चंद्रयान 3

करोड़ों दिलों की, थी एक पुकार
चंद्रायन 3 करे, सपने साकार
चंद्रयान चन्द्रमा की,सतह को चूमे
140 करोड़ भारतीय,नाचे, झूमें

धड़कनें जन जन की, बढ़ी हुई थीं
चांद से मिलने की, आई घड़ी थी
वैज्ञानिकों से, जो आशा लगाई
निर्धारित समय में,पूरी कर दिखाई

दक्षिणी ध्रुव पर, फहराया तिरंगा
विश्व में बजाया , भारत का डंका
विक्रम लैंडर ने, जो कर दिखाया
आज तक कोई देश, कर न पाया

वैज्ञानिकों की थी, जोरदार तैयारी
कितनी ही रातें, जग के गुजारी
तब जाके चांद, फतह कर पाए
बार बार ऐसा, शुभ दिन आए

पूरे विश्व की थी, निगाहें हम पर
पूरी तैयारी से , निकले सफर पर
हिम्मत न हारी, हौसला था प्रखर
अड़चनें बन गईं, मील का पत्थर

माना कि लक्ष्य, बहुत मुश्किल था
तीसरी बार चांद से, पाला पड़ा था
लेकिन हम हैं , खतरों के खिलाड़ी
इसरो का जोश , पूरे चरम पर था

सातसौ करोड़ से, कम के खर्च में
चंद्रयान 3 ने, पायी सफलता
विकसित देशों को, पीछे छोड़कर
जग को दिखाई,अपनी प्रतिबद्धता

पूरे देश में है, जश्न का माहौल
देश विदेश से है,‌ बधाइयों का दौर
चांद से नयी नयी, फोटो आ रही हैं
वैज्ञानिकों का उत्साह, बढ़ा रही हैं

करोड़ों वर्षों से जहां, सूर्य न पहुंचा
भारत ने वहां पर, जड़ दिया चौंका
वैज्ञानिकों का था, इरादा पक्का
है सगरा जगत, हतप्रभ,भौंचक्का

इतने पर ही हम,कहां रुकने वाले
बड़े बड़े अरमान, हैं दिल में पाले
करिश्में आगे भी, हम करते रहें गे
एक दिन चांद पर,कदम भी धरेंगे

अब जल्द मुलाकातें, होती रहेंगी
हमारी दोस्ती, परवान चढ़ेगी
सूचनाओं का, दायरा और बढ़ेगा
अंतरिक्ष में भारत, विश्व गुरु बनेगा

अंतरिक्ष में भारत, विश्व गुरु बनेगा
अंतरिक्ष में भारत, विश्व गुरु बनेगा

— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई