लघुकथा

लघुकथा – सहयोग

दोनों कामकाजी होने के कारण साथ में कम ही समय गुजार पाते थे आज मोहित और रीना साथ में मुंडेर पर चाय का मजा ले रहे थे| मोहित बोला ” आज संडे है कुछ पल मेरे साथ भी गुजार लिया करो रीना बोली ” संडे को ही सबसे ज्यादा काम रहता है”  मोहित बोला ” रीना आज नाश्ता मैं बनाता हूँ और काम तुम निबटा लेना यह कहकर मोहित नाश्ता बनाने लगता है| अचानक रीना को याद आया अनाथालय में राजू का जन्मदिन है |दोनों अक्सर बच्चों से मिलने जाया करते थे

रीना और मोहित दोनों ने सब बच्चों के लिए चिप्स ,फल केक लिया| और राजू से केक कटवाया सब बहुत खुश हुए उनकी खुशी देखते ही बन रही थी. [….]

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश