हास्य व्यंग्य

आई फोन एक्स , कोरोना और आम आदमी

खुदा झूठ न बुलवाये, इस एक्स ने हमेशा से ही मुझे बड़ा परेशान किया है, बचपन एक्स फ़ॉर एक्समस रटते रटते निकल गया,, अभी तक समझ नहीं आया क्रिसमस बोलूं कि एक्समस..थोड़ी बड़ी क्लास में आये तो मेथ्स में एक्स ने भेजा घुमा कर रख दिया, बिना एक्स कोई सवाल ही नहीं,ये भी आज तक समझ नही नहीं आया कि मेथ्स में एक्स का क्या काम,?सीधे सीधे जोड़, घटा,गुणा, भाग से मेथ्स नही पढ़ा जा सकता क्या? फिर थोड़ा और आगे बढ़ा तो एक मिस्टर एक्स साथ चिपक गये, जिस को भी मेरी बुराई करनी होती वो मिस्टर एक्स का नाम लेकर कर देता, ये कह ते हुए कि, “अरे वो जो कोई भी हो एक्स, वाय,जेड तुम तो इस बात पर ध्यान दो कि तुम्हारे बारे में ऐसी बातें की जा रही हैं,,” देखो आ गया न एक्स, आज तक पता नही चला मिस्टर एक्स हैं कौन जो मुझ में इतनी रूचि लेते हैं, बुराई करने वाला भी मज़े में ,बुराई की बुराई कर दो और पता भी न चलने दो किसने की,, और अब ये…….कल ही बेटा दनदनाता हुआ कमरे में आया, ” पापा, अब इस टन्डीरे से परेशान हो गया हूं मैं, मुझे भी अब ऐप्पल चाहिए,”
मुझे समझा ही नहीं,फोन टन्डीरा है तो उसके लिए एप्पल क्यो चाहिए,? मैने कहा, ” उसमे क्या मुश्किल है तो ,कल ही ले आऊंगा आते हुए बाज़ार से एप्पल,,इसमें इतना भिनक क्यों रहा है?””
उसे विश्वास नहीं हुआ आश्चर्य मिश्रित स्वर में बोला,
” सच्ची ! आप सही कह रहे हैं?”
मैंने कहा, “लो इसमें सच झूठ वाली क्या बात है,,पहले कहता तो आज ही ले आता किलो दो किलो एप्पल . कोरोना है तो क्या हुआ एप्पल तो खरीद भी सकते खा भी सकते..”
उसने सर पीटा,, “”अरे मैं उस एप्पल की बात नहीं कर रहा ,,एप्पल आइ फोन की बात कर रहा हूँ,,अब मुझे आइ फोन चाहिए,, मेरे सब दोस्तों के पास आइ फोन है, एक मैं ही हूँ जो इस टन्डीरे को साथ लेकर घूमता है,,आपको पता भी है,कितनी शर्म आती है मुझे उन सबके सामने अपना ये फोन निकालते,,, और वो कितनी शान से निकालते हैं मेरे सामने अपना फोन जैसे वो राजा भोज, मैं गंगू तैली,,””
मैँने कहा, “”ये क्या बात हुई आइ फोन लेने से वो राजा भोज कैसे हो गए, फोन तो फोन है चाहे एप्पल हो या संतरा, स्मार्ट तो है ना, तू अपने आपको गंगू तैली समझता ही क्यों है?”
उसने मुँह बनाया, “” कैसे न समझूँ, उनका फोन 60,70,80 हज़ार का मेरा फोन 9200 का पता नहीं चलता क्या उनको भी कि मैं राजा भोज नहीं गंगू तैली हूँ जो सस्ता सा फोन लेकर घूम रहा है,,”‘
मैंने कहा, “पहले मुझे तू ये बता कि कोरोना में तू बाहर गया कब, फ्रेंड्स से मिला कब , तुझे पता कैसे चला कि उनके पास आई फ़ोन है ?””
वो बोला ‘,” पापा ,आपको पता नहीं है क्या आजकल ऑन लाईन क्लासेस चल रही है ऑन लाईन वेबिनार हो रहे हैं ज़ूम पर ,गूगल मीट पर सब प्रोग्राम हो रहे हैं उनमें सब पता चलता है ..जिसके पास आई फ़ोन है न उसका नाम नहीं आता उसके फ़ोन का नाम आता है.. फिर कोरोना में बाहर निकलना बंद हुआ है,फ़ोन से बात करना नहीं ..”” “ओह्ह” मैने कहा , ” कोरोना में भी लोगों के पास पैसे बचे हैं, आई फ़ोन लेने के कमाल है .! चल ठीक है एक काम कर तू भी ले ले एक सेकंड हैंड आई फ़ोन ..आ जायेगा तेरे भी फ़ोन का नाम तेरे ज़ूम पर ,”‘
वो भड़क गया”” अच्छा, इतने दिनों बाद लूँ ,वो भी सेकंड हैंड,! अब कोई सेकंड हैंड नहीं अब तो मुझे नया फोन ही चाहिए वो भी आइ फोन एक्स बिल्कुल लेटैस्ट मॉडेल,जो लॉन्च हुआ है,एक लाख का,””
उफ्फ,, फिर एक्स, ये एक्स तो जैसे मुझ पर खतरे के निशान की तरह सवार हो गया है जो पीछा ही नहीं छोड़ना चाहता,, बिल्कुल एक्स गर्लफ्रैंड की तरह,, जो गाहे बगाहे बीच बीच में आकर अपनी उपस्थिति दर्शा ही जाती है,, पता नहीं ये कम्पनियां ग़रीबों के जज्बातों के साथ इस तरह खिलवाड़ क्यों करती हैं,, यहां हम गरीबो की एप्पल खाने की हैसियत नहीं ,इन्होंने एप्पल 10यानि एक्स लॉन्च कर दिया हैं,,करेला और नीम चढ़ा, रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी , कहाँ जाएं हम गरीब ,अपने अरमानों के टुकड़े लेकर,,
मैंने साफ इंकार कर दिया,,,””इतना महंगा फोन लेना मेरे बूते के बाहर की बात है इस कोरोना में तो और भी नहीं ,तुंम खुद सोचो कल क्या होगा पता नही सब आज ही उड़ा देंगे तो कल क्या करेंगे जो है उसी से काम चलाओ,,””
उसने अपनी एक हथेली पर अपनी ही दूसरी हथेली मारी,”वही तो कह रहा हूँ, आज है कल क्या पता हो न हो तो आज तो ढंग से जी ले ,थोड़े अरमान पूरे कर ले,आई फ़ोन सेअपनी हैसियत बढ़ा लें.” मैंने कहा , ” वाह बेटा , “” क्या कहने , अरे कल हो न हो तो कुछ ऐसा कर कि लोग याद रखें, तेरे आई फ़ोन लेने से लोग तुझे याद नहीं रखने वाले ..”
उसने भी धमकी दी, “”ठीक है, जब तक मुझे आई फोन नहीं मिलेगा मैं ऑन लाईन क्लासेस अटेंड नहीं कर्मगा, न पढ़ाई पे ध्यान दूँगा,,””
मैंने कहा, ,””वाह मेरे नवाब साहब, ये धमकी देने के बजाय पढ़ाई पे ध्यान दे,अपने पैरों पर खड़ा हो और खुद काबिल बन आइ फोन लेने के,,, समझा!””
उसने पलटवार किया, “”वही तो मै आपसे कह रहा हूँ, आपने क्यों नहीं ध्यान दिया पढ़ाई पे,,जरा उस समय ढंग से पढ़ लिख लेते तो आज अपने बेटे को आइ फोन दिलाने की हैसियत होती कि नहीं,,,””
मैंने कहा, “”मेरी छोड़ तू अपनी सोच ,अपने कैरियर पे ध्यान दे फिर जितने चाहे आइ फोन ख़रीद और रौब जमा ..””
उसने कहा, “” आप आज मुझे आइ फोन दिलाओ मैं पढ़ाई पर ध्यान दूँगा ,कैरियर बनाऊंगा, तब तक कम्पनी और नये फोन लॉन्च करेगी, वो मै मेरे बच्चों को दिलाऊँग,,””””
वाह रे मेरे शेखचिल्ली,,” मैंने हाथ खड़े कर दिये,,,””पर मैं क्या करूं, मेरे पास तो मेरे बच्चों की ये फालतू फरमाइशें पूरी करने के न पैसे हैं न इच्छा,,””
उसने ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल किया ,,””ठीक है,अब मैं घर पर रहने के बजाय बाहर जाऊंगा न हाथ सेनेटाइज करूंगा न मास्क लगाऊंगा कोरोना हो गया और मैं मर गया तो लेकर बैठे रहना आप अपने पैसे और हैसियत दोनों..”
मैं बेबस अब क्या करूं, कहाँ से दिलाऊ, एक लाख का फोन,,,
बेटे ने जैसे मेरे मन की बात सुन ली,,बोला,, “”इतना मुश्किल भी नहीं आइ फोन लेना ,,ईजी, ई एम आई पर ईजिली लेने की सुविधा देती है कंपनी,, ज्यादा से ज्यादा एक साल और फोन अपना,,,””
मैंने उसके फ़ैलाये जाल पर ब्लेड मारने की कोशिश की, “” अगले साल कंपनी फिर नया फोन लॉन्च कर देगी, फिर तू कहेगा ,अब ये पुराना हो गया नया दिलाओ तो ??”
उसने उत्साह से कहा,,”” तो क्या? इसे देकर नया लेंगे,वही ई एम आई पर,,””
मुझे कल ही पढ़ा जोक याद आ गया,, आइ फोन लेने के लिए हम जैसे लोगो को किडनी बेचनी पड़ेगी, तब भी किडनी से आई फोन महंगा होगा,,’
और हम जैसे लोअर मीडिल क्लास लोगों के तो दिल जिगर ,गुर्दा, किडनी सभी खराब रहते हैं,, कौन लेगा ? न हमारा ऐसा कलेजा है जो इतने महंगे एप्पल का बोझ ले सके,,,, पर इस बेटे का क्या करूँ जो अपने आम बाप को अम्बानी समझ एप्पल की ज़िद पकड़े बैठा है,, जहाँ व्यक्ति की 10 एप्पल खरीदने की ताक़त नहीं, वहाँ कंपनी ने एप्पल एक्स लॉन्च कर दिया है,,कोरोना से पहले इस समस्या पर विचार विमर्श करने के लिये कल ही एक ऑन लाइन सभा का आयोजन करूँगा,,, फ़िलहाल तो ये विचार कर रहा हूँ कि ये एप्पल एक्स यानि10 खरीदने के लिए किसे गिरवी रखू किडनी, दिल, जिगर या पूरा का पूरा मैं, ,,चाहे कंपनी आइ फोन x लॉन्च करे या सरकार बजट या कोरोना एंट्री मार दे ,आम आदमी को तो मूर्ख बनना ही है,, चाहे कैसे बने ……है न,,…

-- डॉ ममता मेहता "पिंकी"

डॉ. ममता मेहता

लेखन .....लगभग 500 रचनाएँ यथा लेख, व्यंग्य, कविताएं, ग़ज़ल, बच्चों की कहानियां सरिता, मुक्ता गृहशोभा, मेरी सहेली, चंपक नंदन बालहंस जान्हवी, राष्ट्र धर्म साहित्य अमृत ,मधुमती संवाद पथ तथा समाचार पत्रों इत्यादि में प्रकाशित। प्रकाशन..1..लातों के भूत 2..अजगर करें न चाकरी 3..व्यंग्य का धोबीपाट (व्यंग्य संग्रह) पलाश के फूल ..(साझा काव्य संग्रह) पूना महाराष्ट्र बोर्ड द्वारा संकलित पाठ्य पुस्तक बालभारती कक्षा 8 वी और 5वी में कहानी प्रकाशित। पूना महाराष्ट्र बोर्ड 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए अभ्यास मंडल की सदस्य प्रस्तुति ..सब टीवी पर प्रसारित "वाह वाह क्या बात है" और बिग टीवी पर प्रसारित "बहुत खूब" कार्यक्रम में प्रस्तुति दूरदर्शन आकाशवाणी से काव्य पाठ संगोष्ठियों शिबिरो में आलेख वाचन ,विभिन्न कविसम्मेलन में मंच संचालन व काव्य पाठ दिल्ली प्रेस दिल्ली तथा राष्ट्रधर्म लखनऊ द्वारा आयोजित व्यंग्य प्रतियोगिता में सान्तवना ,द्वितीय व प्रथम पुरस्कार ।