कविता

जिंदगी है….कट ही जाएगी

हम सब जानते और मानते भी हैं
कि जिंदगी है तो कट ही जाएगी
अमीरी या गरीबी के बीच सुख या दुःख से
सुविधाओं/असुविधाओं से।
हंसते या रोते हुए जिंदगी को
आखिरकार जीना ही पड़ता ही है,
क्योंकि समय को पल पल करके गुजरना ही होता है।
समय और कथित बढ़ती उम्र के साथ
जीवन को अपने अंतिम पड़ाव की ओर
निरंतर आगे बढ़ना ही होता है,
जीवन यात्रा पथ पर अंतिम सांस की ओर
चाहे अनचाहे अविराम चलना ही होता है
यात्रा कैसी भी हो या हम कुछ भी सोचते रहें
जीवन की अंतिम घड़ी को
पल पल पास आना ही होता है।
कुछ भी हो मगर जिंदगी है
तो ये  निश्चित है कि कट ही जाएगी,
ठीक वैसे ही जैसे हमारा जन्म हुआ है
तो एक दिन एक पल मृत्यु भी निश्चित आयेगी
इस तरह हमारी आपकी ही नहीं
राजा हो या रंक, छोटा हो या बड़ा
साधु सन्यासी हो या पापी
या कितना भी बड़ा बुद्धिमान हो या मूर्ख और
हर किसी की जिंदगी कट ही जाएगी,
जीवन की कहानी अंतिम पड़ाव तक पहुंच ही जायेगी।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921