राजनीति

बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर बैठे वोट देने की सुविधा

वैश्विक स्तरपर दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में करीबकरीब हर चुनाव मेंस्थितियों परिस्थितियों के अनुसार अनेक सुधार कार्य करते हुए संशोधन सहयोग व सुविधाएं प्रदान कर समस्याओं शिकायतों का निवारण त्वरित किए जाने की ओर कदम बढ़ाए जाते हैं।उदाहरण के रूप में हमसी विजिल एप,कठोर आचार संहिता व अभी दिनांक 3 अप्रैल 2024को जारी सक्षम ईसीआई एप सहित अनेक कदम उठाए जाते रहे हैं,जिसमें मतदाताओं को वोट देने में उचित सुगमता व सुविधाएं प्रदान होती है।अक्सर हम देखते हैं कि मतदाताओं में एक बड़ा वर्ग बुजुर्गों व दिव्यांगों को अपना मताधिकार का प्रयोग करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है,जो चाहे अस्वस्थता,उम्रदराज या दिव्यांगता कारण हो सकता है, जिससे मतदान प्रतिशत में गिरावट होती है जिसपर चुनाव आयोग नें संज्ञान लेते हुए दिनांक 3 अप्रैल 2024को सक्षम ईसीआई एप जारी कर दी है, जिसमें बुजुर्गों व दिव्यांगों के संचार माध्यम से एक प्रक्रिया के तहत रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है, जिसके आधार पर उनके घर में दो चुनाव अधिकारी एक वीडियो ग्राफर सुरक्षाकर्मी सहित एक टीम पहुंचेगी और उनके घर बैठे ही वोट लेकर जाएगी जो काबिले तारीफ है। चूंकि अब घर से वोट देने की प्रक्रिया विकलांगों बुजुर्गों के लिए शुरू करने एप पंजीकरण के लिए जारी कर दी गई है,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,बुजुर्ग दिव्यांगमतदाता अब घर बैठे ही वोट देकर सरकार बना या गिर सकनें में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने में सक्षम हो गए हैं। 

साथियों बात अगर हम 85 वर्ष के बुजुर्गों, 40 प्रतिशत या अधिक वाले दिव्यांगों को घर से मतदान की सुविधा की करें तो,इस बार चुनाव आयोग ने 85 साल से ऊपर के लोगों को अपने घरों से वोट डालने की अनुमति देने का फैसला किया है। इसलिए अधिकारियों ने कहा कि यह संख्या लगभग तीन लाख तक कम हो जाएगी। यह पहली बार है कि लोकसभा चुनाव में पात्र मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध होगी। अक्टूबर 2019 में चुनाव आयोग की सिफारिश पर कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा चुनाव संचालन नियम, 1961 में संशोधन किया गया था। इसके बाद, 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और दिव्यांगजन 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में डाक मतपत्रों केमाध्यम से वोट डालने में सक्षम हो गए थे। इस बार लोकसभा चुनाव में 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और 40 प्रतिशत से ज्यादा दिव्यांगता वाले व्यक्ति घर से ही अपना वोट डाल सकेंगे। चुनाव आयोग ने इसके लिए विशेष प्रबंध किए हैं। भारतीय चुनाव आयोग के मुताबिक, देश भर में 85 वर्ष से अधिक के कुल 82 लाखमतदाता हैं। 100 साल से ज्यादा उम्र के 2.18 लाख मतदाता हैं और दिव्यांगजनों की संख्या 88.4 लाख है। सक्षम ऐप से मिलेगी सुविधा,आयोग के मुताबिक घर से वोट डालने के इच्छुक ऐसे मतदाताओं को एक फॉर्म भरना होगा। इसके लिए एक ऐप का उपयोग किया जा सकता है। फॉर्म भर कर जमा करवाने के बाद बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाता अपने घर से ही मतदान कर सकेंगे। बुजुर्ग मतदाताओं के लिए यह सुविधा प्रदान करने के साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह देखा गया है कि बुजुर्ग मतदाता मतदान केंद्र में पहुंचकर मतदान करना अधिक पसंद करते हैं। यही कारण है कि मतदान केंद्रोंपर भी बुजुर्गों की सहायता के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। भारतीय चुनाव आयोग के मुताबिक, सभी मतदान केंद्रो पर पीने के पानी, टॉयलेट, साइनेज, दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर, रैंप, सहायता केंद्र, वोटर फैसिलिटेशन सेंटर, पर्याप्त बिजली और शेड की व्यवस्था की जाएगी। भारतीय चुनाव आयोग ने इस बार जो सुविधा बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए की है, वह बेहद अलग है। उन्होंने सभी 10 लाख 48 हजार मतदाता केंद्रों पर वॉलिंटियर्स और व्हीलचेयर का होनासुनिश्चित किया है। इसके साथ ही दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए ट्रांसपोर्ट की फैसिलिटी भी प्रोवाइड कराए जाने की बात की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया है कि सक्षम ऐप के जरिए दिव्यांगजन ये सभी सुविधाएं ले सकते हैं।

साथियों बात अगर हम मतदान केन्द्रों पर अन्य अपात्र बुजुर्गो वह दिव्यांगों के  मतदान की व्यवस्था की करें तो,भारत निर्वाचनआयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान दिव्यांग, वृद्धजन और निःशक्त मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केन्द्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, दिव्यांग, वृद्धजन एवं निःशक्त मतदाताओं को मतदान केन्द्रों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसका पूर्णतः पालन कराया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है।वृद्धजन एवं निःशक्त मतदाताओं हेतु व्हील चेयर की उपलब्धता उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र में दिव्यांग, वृद्धजन एवं निःशक्त मतदाताओं हेतु पर्याप्त संख्या में व्हील चेयर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएंगी। इसके साथ ही दिव्यांग एवं वृद्ध मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मतदान केंद्र को भू-तल में रखा जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्र भवन तक पहुंचने के लिए अच्छी स्थिति में पहुंच योग्य सड़क होनी चाहिए। मतदान केंद्र में सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं जैसे पीने का पानी, प्रतीक्षा शेड दिव्यांग मतदाताओं के अनुकूल शौचालय  प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था, दिव्यांग मतदाताओं के लिए उपयुक्त ढाल का स्थायी रैंप और निर्धारित मानकों के अनुसार मतदान कक्ष निर्मित होना चाहिए। दिव्यांग एवं वरिष्ठ मतदाताओं को कतार से मुक्ति,मतदान दिवस को दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के सहयोग के लिए एनएसएस, एनसीसी, स्काउट गाइड स्वयं सेवकों की नियुक्ति किए जाने हेतु जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है। मतदान केंद्र पर मतदान हेतु आने वाले दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) एवं वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं को कतार से मुक्ति देते हुए मतदान हेतु वरीयता प्रदान किया जाए। मतदान कक्ष में दिव्यांग मतदाताओं की विशेष जरूरतों के संबंध में मतदान कर्मियों को संवेदनशील और जागरूक बनाने हेतु प्रयास किए जा रहे हैं। मतदान तिथि पर मांगे जाने पर दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं को उनके घर से लाने एवं मतदान पश्चात् उन्हें वापिस उनके घर तक छोड़ने हेतु निःशुल्क परिवहन सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी। मतदान केंद्र पर दृष्टिबाधित व्यक्ति को अपने साथ सहयोगी के रूप में एक साथी को ले जाने हेतु अनुमति है। मतदान केंद्रों पर दृष्टिबाधित मतदाताओं की सुविधा हेतु ब्रेल लिपि में डमी मतपत्र मुद्रित कराकर रखे जाने के भी निर्देश हैं जिसे मांगे जाने पर संबंधित मतदाता को उपलब्ध कराया जाना है। दृष्टिबाधित मतदाताओं की सुविधा हेतु ईवीएम मशीन पर ब्रेल लिपि में प्रत्याशियों का नाम मुद्रित कराया जाए। 

साथियों बात अगर हम बुर्जुगों दिव्यांगों द्वारा घर पर मतदान करनें की प्रक्रिया की करें तो,जो बुर्जुग और दिव्यांग घर से वोटके लिए सक्षम ईसीआई ऐप पर जाकर पंजीकरण करेंगे फिर उनको भेजे गए एसएमएस पर उनके घर बूथ स्तर का अधिकारी उनसे संपर्क करेगा। पोलिंग पार्टी अपने अपने रूट के अनुसार मतदाताओं के घर के लिए रवाना होंगी। वहां पहुंचकर हाथों-हाथ बूथ बनाएगी। घोषणा पत्र (13-ए) लेकर वोटर को बैलेट पेपर दिया जाएगा। उन्हें वोटिंग का तरीका समझाकर मतदान कराया जाएगा, इस बैलेट पेपर को फोल्ड कर मतदाता से ही 13 बी लिफाफे में रखवाया जाएगा, फिर घोषणा पत्र और बैलेट लिफाफे को 13 सी लिफाफे में रखकर सील किया और वोटर से ही पेटी में डलवाकर टीम दूसरी जगह को रवाना होगी। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी।चुनाव सामग्री में अस्थायी मतदान केंद्र बनाने के लिए फोल्डिंग टेबल, मतदान को गुप्त रखने के लिए एक वोटिंग कंपार्टमेंट (कार्ड बोर्ड) मतदान पेटी और बैलेट पेपर रहेंगे।घर पर मतदान के दौरान भी पूर्ण रूप से गोपनीयता बरती जाएगी।मतदान करते हुए दिव्यांग या बुजुर्ग मतदाता को कोई देखेगा नहीं, वोट पूरी तरह से गुप्त और सुरक्षित ही रहेगा।बहरहाल, दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाता जो वोट डालने बूथों तक जाने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए चुनाव आयोग का नवाचार उपयोगी और महत्वपूर्ण है। होम वोटिंग की नई व्यवस्था हर दृष्टि से काबिले-तारीफ हैं।अब निःशक्त हो या सशक्त देश के प्रत्येक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र के महापर्व में अपनी अनिवार्य रूप से भागीदारी सुनिश्चित करा सकता है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता अब घर बैठे वोट देकर सरकार बना या गिरा सकनें में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर से वोट देने पंजीकरण प्रक्रिया, सक्षम ईसीआई एप चुनाव आयोग द्वारा जारी।दिव्यांगों और बुजुर्गों के घर दो चुनाव अधिकारी वीडियोग्राफर सुरक्षाकर्मीयों साहित एक टीम एसएमएस किए टाइम पर चुनाव के दिन वोट लेने पहुंचना सराहनीय है। 

— किशन सनमुखदास भावनानी 

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया