बाल कविता

हंसता चेहरा

हंसता चेहरा सबको भाए,
रोनी सूरत रास न आए ,
हंसने वाला मौज मनाएं ,
खुशियां बांटे हाथ मिलाएं,
हंसने से न हो बीमार ,
खुशियों से रहती आंखें चार,
रोने वाला रहे उदास ,
कोई न बैठे उसके पास,
उदासी भी हैं एक बीमारी,
खुशियों से करो दोस्ती यारी,
हंसने की सदा मन में ठानो,
इससे अच्छा कुछ नहीं जानों,
हंसते हंसते पढ़ने जाओ ,
आगे आगे बढ़ते जाओ

— आसिया फारूकी

*आसिया फ़ारूक़ी

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका, पी एस अस्ती, फतेहपुर उ.प्र

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