कविता

अच्छे नेता

अब तो नालायकों से भी काम चल जाता है,

इसी बहाने लोगों का दिल बहल जाता है,

राजनीति में सुचिता की बातें एक धोखा है,

इन नेताओं ने नैतिक स्याही को सोंखा है,

आज के लीडर की मशहूरियत जरूरी है,

झूठ, गुंडागर्दी के बिना नेतागिरी अधूरी है,

जीत पाने के लिए ये कुछ भी कर सकते हैं,

वक्त आने पर गर्दन में छुरी भी धर सकते हैं,

मतदाताओं को अपनी ओर लाना जरूरी है,

तभी तो उनकी भावनाएं भड़काना जरूरी है,

नहीं रहा वो दौर जब आरोप पर पद छोड़ते थे,

खुद और दल की छवि स्वच्छता से जोड़ते थे,

लायक बेचारा विजय वोट नहीं ला पाता है,

नाकारा नालायक विजय उड़ा ले जाता है,

इन्हें कोसने का हमें कोई अधिकार नहीं है,

क्योंकि हमें खुद अच्छे लोग स्वीकार नहीं है।

— राजेन्द्र लाहिरी

राजेन्द्र लाहिरी

पामगढ़, जिला जांजगीर चाम्पा, छ. ग.495554

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