लघुकथा

लघुकथा – कुछ ख्वाब अभी बाकी है

रानी सुंदर होने के साथ साथ पढाई में भी बहुत होशियार थी वो प्रोफेसर बनना चाहती थी। लेकिन उसके मम्मी पापा को उसकी शादी की चिंता थी क्यों उसके पापा बहुत बीमार रहते थे। वो चाहते थे रानी की शादी उनके सामने हो जाएं इसलिए वो उसकी शादी जल्दी करना चाहते थे।

कॉलेज पूरा होने के बाद उसको पी, एच, डी करनी थी लेकिन अपने पापा की इच्छा के सामने रानी को उनका मान रखना पड़ा| रमेश से उसकी सगाई हो गयी।

रमेश के साथ उसके माता पिता और भाई भी रहते थे| पहले तो रानी को नए घर में एडजस्ट होने में समय लगा। लेकिन कुछ समय बाद वो सबको अच्छे से जान गई। रमेश भी उसको आदर ,सम्मान देता था। वो रानी से कहता कि कोई समस्या हो तो मुझे बता सकती हो मैं उसको हल करने की कोशिश करूंगा।

रानी के दिल में अभी भी पढ़ाई करने की इच्छा थी। उसने रमेश से पूछा ” मैं आगे पढ़ाई करना चाहती हूँ। आप मुझे पढ़ने की परमीशन देंगे। ” यह सुनकर रमेश ने कहा ” क्यों नहीं तुम आगे पढ़ सकती हो मैं तुम्हारी सहायता करूंगा। यह सब रानी की सास कमला सुन रही थी। वह बोली ” बेटी तुम अपने सपने पूरे करो। हम सब तुम्हारे साथ हैं। यह कहकर कमला ने रानी को गले लगा लिया। रानी के जो कुछ ख्वाब अभी बाकी है, वह पूरा करने का समय आ गया। रानी बहुत खुश थी।

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश