गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

याद करके मुझे ना सताया करो,
पास आओ या मुझको बुलाया करो।

आ रही हैं हिचकियां बहुत जोर से,
दिन दहाड़े न न्योता पठाया करो।

तुम हमारे सही, हम तुम्हारे सही,
गैर के सामने ना नुमाया करो।

बात मानो अगर तो सफाई रखो,
मत सफाई के बदले सफाया करो।

आज रिश्ते सभी जल रहे बुझ रहे,
जो बचे हैं उन्हें तो बचाया करो।

हाथ में लट्ठ डायन के दो ना कभी,
नीम पर ना करेला चढ़ाया करो।

चाहते हो जो मिलना अकेले अवध,
तर्जनी को ज़रा सा हिलाया करो।

— डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 Awadhesh.gvil@gmail.com शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन