कलियों से कह दो मुस्काएं
कलियों से कह दो मुस्काएं, फूल खिले बगिया महकाएं।
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं॥
श्रृंगारित हो जाओ लताओं, दिलवर का स्वागत करने को।
खुशबु से महकाओ फिज़ाओ, मदहोशी मन में भरने को॥
कहो गुलाबों से राहों में, पंखुडियों की की प्रीत बिछाएं…..
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं……
बेला चमेली जूही तुम, मुस्काना उनके आने पर।
इंद्रधनुष के जैसे रंग, सजाना उनके आने पर॥
करुं तितलियों से विनती, स्वागत में तोरण द्वार बनाएं…..
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं….
धीरे धरे बहो समीरा, लट न उलझे प्रियतम की।
ध्यान रहे बदली बन जाना, शोभा उनके काजल की॥
बिजली से कहदो न चमके, मीत मेरा कही न डर जाए….
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं……
करता हूं आगाह सभी को, नजर लगा न देना उनको।
अपनी जलन छुपा कर रखना, कहीं जता न देना उनको॥
अंग अंग में रति हैं उनके, सुन्दरता भी शीष झुकाए…..
आने को है दिलवर मेरे, भंवरे गीत प्रीत के गाएं……
सतीश बंसल