तेरी बाहो के झूले में
तेरी बाहो के झूलो में,
कुछ ऐसे मैं खो जाऊं ।
प्यार की डोर से बँधकर मैं,
दूर गगन मे उड जाऊं ।
रहे सुरक्षित सीप में मोती,
तेरे संग खुद को पाऊ ।
तेरे लिए ही गीत लिखे सब,
तेरे लिए उन्है गाऊ ।
मेरी खुशियां हैं तुझसे ही,
पाऊ तुझको जनम जनम ।
तू ही मेरा करम बना है,
तुम ही बन गए मेरे धरम ।
लोक लाज कुल की मर्यादा,
त्याग के तेरे दर आयी ।
तुमको जो पाया तो मैंने,
खुशियां जहाँ की हैं पायी ।
मै तो हूँ परछाई तेरी,
तुमसे ही अस्तित्व मेरा ।
पायल चूडी अरु कंगन मेरे,
जपते रहते नाम तेरा ।
— अनुपमा दीक्षित मयंक