मुक्तक
1-चांद कहने लगा चांदनी से सुनो!
प्रीत में डूब कर प्यार के रंग बुनो!
रंग बिखरा दो ऐसा जमी पर प्रिये!
हर कली प्यार की धुन जो गाए सुनो!
2- चांदनी रात थी झिलमिलाता गगन,
मस्त हो चल रही थी सुहानी पवन,
याद तेरी लहर बनके ऐसी चली मुक्तक
ना झुकी ये पलक जागते थे नयन|
3- नजर में तुम नजर आना कोई दूजा नहीं आए|
बनो दिल की मेरी धड़कन प्यार तुझ पर मुझे आए|
कभी मत भूल जाना तुम सदा रखना यू यादों में..
प्रीत की रीत ऐसी हो प्यार के रंग भर जाए|