गीतिका/ग़ज़ल

ठुकराया जो तेरा दामन

ठुकराई तेरा मोहब्बत-ए दामन जब , तब जीना आया था
समझी जिंदगी कीमती तब जब मुझे भी जीना भाया था ।।

मानती मोहब्बत-ए राह मे मोहब्बत बड़ी , हसीन होती है
टूटी मोहब्बत-ए राह में , इस राह ने मुझे खूब रुलाया था।।

खुद से अधिक मोहब्बत को , अहमियत देना न कोई
मेरी जिंदगी ने मुझे खुद को अहमियत देना सिखाया था।।

कहने कि ही बातें होती लोग मोहब्बत में जान भी दे जाते
इस मोहब्बत ने मेरी ही सॉंसें लील मुझे तो मार गिराया था।।

मोहब्बत-ए राह मे दर्द पाकर मैं वीणा खो गई थी कहीं
दर्द भरे वक्त से लड़ मैंने आज खुद का वजूद पाया था।।

— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित