कविता – अग्निगीत
तुम लिखो उनके खिलाफ अग्निगीत जिन्हें देश को गलियाँ बकने के बदले जनता की गाढ़ी कमाई की बरियानी खिलाई जाती
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Read Moreस्कूल के वार्षिक समारोह से घर आते ही बच्चों ने इनाम में मिले अपने अपने स्मृति चिह्न माँ को दिखाने
Read Moreबारूद के ढेर पर बैठी दुनिया समझा कवि। नफरतें सब धुल जाएँ प्रेमगीत सुना कवि।। जंग की तैयारी में बन
Read Moreजहरीली हवा घुटती जिंदगानी दोस्तों। यही है नये दौर की कहानी दोस्तों।। पर्वतों पे देखो कितने बाँध बन गये। जवां
Read Moreसरकारी स्कूल दारपुर की हिन्दी टीचर नेहा का बेटा अभि शहर के नामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था | उसकी
Read Moreआँख से आँख मिलाना ग़ज़ल होती है | दिल में फूल खिलाना ग़ज़ल होती है || वो प्यार के रस्ते
Read Moreबुरे होते हैं , शब्दों के जाल , उलझ जाता है आदमी , फंस जाता है , मकड़ी की तरह
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