एक ईश्वर के अनेक नामों का आधार
ओ३म् जिस प्रकार से नेत्रहीन मनुष्य संसार के दृश्यों के बारे में कल्पनायें करता है उसी प्रकार लगता है कि
Read Moreओ३म् जिस प्रकार से नेत्रहीन मनुष्य संसार के दृश्यों के बारे में कल्पनायें करता है उसी प्रकार लगता है कि
Read Moreओ३म् आजकल हमारे देश के बहुत से लोग नाना दिवसों पर व्रत व उपवास आदि रखते और आशा करते हैं
Read Moreओ३म् हम पृथिवी पर पैदा हुए हैं व इस पर रहते हैं परन्तु हमें शायद यह नहीं पता कि इस
Read Moreओ३म् हमारे देश की वास्तविक पहचान क्या है? विचार करने का हमें इसका एक यह उत्तर मिलता है कि संसार
Read Moreओ३म् सभी पशुओं में गाय ऐसा प्राणी है जिसका भारत ही नहीं संसार के सभी लोग दुग्धपान करते हैं। भारत
Read Moreओ३म् वेद, मतमतान्तर, कर्मफल और पुनर्जन्म संसार में मनुष्यों की संख्या लगभग 7 अरब है जिसमें सभी स्त्री व पुरूष
Read Moreओ३म् –नासदीय-सूक्त का अध्ययन– ऋग्वेद के मण्डल 10 सूक्त 129 को नासदीय-सूक्त कहते हैं। इस सूक्त में सृष्टि की उत्पत्ति
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द का व्यक्तित्व सर्वांगीण था। वह मनुष्योचित सभी गुणों से सम्पन्न आदर्श महापुरूष थे। उन्होंने परतन्त्र व अज्ञानग्रस्त
Read Moreओ३म् वेद क्या हैं? वेद सृष्टि की रचना करने व चलाने वाले ईश्वर का नित्य ज्ञान है जिसे वह सृष्टि
Read Moreऋग्वेद के दशवें मण्डल का नव्वेवां सूक्त पुरूष-सूक्त के नाम से विख्यात है। इस सूक्त की मन्त्र संख्या 16 है।
Read More