जीवन में आनंद का, बेटी मंतर मूल ! इसे गर्भ में मारकर, कर ना देना भूल !! बेटी कम मत आंकिये, गहरे इसके अर्थ ! कहीं लगे बेटी बिना, तुझे सृष्टि व्यर्थ !! बेटी होती प्रेम की, सागर सदा अथाह ! मूरत होती मात की, इसको मिले पनाह !! छोटी-मोटी बात को, कभी न देती […]
Author: प्रियंका सौरभ
पाये तेरी गोद में, मैंने चारों धाम
तेरे आँचल में छुपा, कैसा ये अहसास। सोता हूँ माँ चैन से, जब होती हो पास।। माँ ममता की खान है, धरती पर भगवान। माँ की महिमा मानिए, सबसे श्रेष्ठ-महान।। माँ कविता के बोल-सी,कहानी की जुबान। दोहो के रस में घुली, लगे छंद की जान।। माँ वीणा की तार है, माँ है फूल बहार। माँ […]
बंद दरवाजों की बजाय माहवारी पर खुलकर चर्चा की जरूरत है
हाल ही में मासिक धर्म के झूठे और बेबुनियादी कलंक और शर्म को दूर करने के उद्देश्य से भारतीय खाद्य वितरण की दिग्गज कंपनी जोमाटो ने 8 अगस्त को एक नई पीरियड लीव ’नीति की घोषणा की है, जिससे इस गंदी सोच के प्रवचन को तेजी से समाज से दूर किया जा सके। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों […]
लावारिस लाशें कहीं, और कहीं ताबूत
कोरोना काल का सदुपयोग करते हुए वरिष्ठ कवि तथा हिंदी के जाने-माने दोहाकार डॉ रामनिवास मानव ने ‘बदल गए दस्तूर’ शीर्षक दोहा संग्रह तैयार कर दिया है। यह डॉ मानव का चौथा दोहा-संग्रह और उनकी प्रकाशित होने वाली 54वीं पुस्तक है। जो विमोचन के उपरांत शीघ्र ही पाठकों के हाथों में होगी। पुस्तक की विषय […]
करते सिक्के शोर !
क़तर रहे हैं पंख वो, मेरे ही लो आज ! सीखे हमसे थे कभी, भरना जो परवाज़ !! आखिर मंजिल से मिले, कठिन साँच की राह ! ज्यादा पल टिकती नहीं, झूठ गढ़ी अफवाह !! अब तक भँवरा गा रहा, जिसके मीठे राग ! वो तितली तो उड़ चली, कब की दूजे बाग़ !! वक्त-वक्त […]
निजी स्कूलों को नियंत्रित कर सरकार शिक्षकों की भर्ती करे
दरअसल सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए हैं बल्कि यह इसे चलाने वाली सरकारों, नौकरशाहों और नेताओं का फेलियर है. सरकारी स्कूल प्रणाली के हालिया बदसूरती के लिए यही लोग जिम्मेवार है जिन्होंने निजीकरण के नाम पर राज्य की महत्वपूर्ण सम्पति का सर्वनाश कर दिया है. वैसे भी वो राज्य जल्द ही बर्बाद हो जाते है […]
भारत की बेटी ने विश्व में रोशन किया देश का नाम
वो कहते हैं न हौसले बुलंद हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कामयाबी की छलांग लगाई जा सकती है। कुछ ऐसी ही कहानी है हरियाणा की अनुकृति की, अनुकृति ने ये साबित कर दिखाया है कि बेटियों की जिंदगी सिर्फ चूल्हा-चौके तक सीमित रखना अब पुरानी […]
भारतीय सेना की तरह पुलिस पर भरोसा क्यों नहीं है?
देश भर में हम आये दिन पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गए लोगों की मृत्यु और यातना की घटनाों को सुनते हैं जिसके फलस्वरूप पुलिस की छवि पर दाग लगते है। यही नहीं अपराधी प्रवृति के लोगों में पुलिस के प्रति क्रूरता जन्म लेती है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अभी-अभी पुलिस वालों के साथ […]
धार्मिक दुकानों, मृत्युभोज और महंगी शादियां पर लगे प्रतिबन्ध
कोरोना महामारी ने जहाँ पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दी है। सब कुछ एक जगह रोक कर रख दिया है। दुनिया प्रकृति के इस कहर पर स्तब्ध है। मगर हम दूसरी तरफ देखे तो हमें कुछ सृजनात्मक करने और इस आपदा से नए अवसरों के साथ अपनी सोच और कर्मों को बदलने की […]
भारतीय सेना की तरह पुलिस पर भरोसा क्यों नहीं है?
देश भर में हम आये दिन पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गए लोगों की मृत्यु और यातना की घटनाों को सुनते हैं जिसके फलस्वरूप पुलिस की छवि पर दाग लगते है। यही नहीं अपराधी प्रवृति के लोगों में पुलिस के प्रति क्रूरता जन्म लेती है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अभी-अभी पुलिस वालों के साथ […]