Author: राज कुमार तिवारी 'राज'

हास्य व्यंग्य

दलाली तौ दलालय जानत अवधी भाषा (सर्जिकल स्ट्राईक को खून की दलाली कहने वाले पर विशेष )

दलाली तौ दलालय जानत पड़वा हस चिल्लाय दिहिन, खून की दलाली बताय दिहिन। रोहतांक दर्रा हिमांचल मा उई, बडी दिलेरी

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कविता

इण्डिया का इग्लैण्ड बनाय द्याब

जब चुनाव लंगीचे आवत है, मन्दिर मुद्दा उठाय दियत। आजादी वाले दिनन मंे सहीदन की मुरती पोछाय दियत।। जब चुनाव…………………..पोछाय

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