सुनामी आ गई-
मुसलसल बरसात का सिलसिला जारी रहा जिस पल………….. पलकों में भी सावन की सौगात आ गई इनायत औ गुनाहों ने
Read Moreमुसलसल बरसात का सिलसिला जारी रहा जिस पल………….. पलकों में भी सावन की सौगात आ गई इनायत औ गुनाहों ने
Read Moreजहां एक ओर अपना भारत नई विकास की गााथा गानें के लिये आतुर दिख रहा है वहीं अगर इसके दूसरे
Read Moreपता नही एक बात हमारी समझ में क्यों नहीं आ रही है ? क्या मैं अभी समझदार नही हुआ हूं
Read Moreए जिन्दगी……… तेरी नौकरी अब क्यू करूं रोज तुझे सुलाता हूं मै रोज तूझे नहलाता हॅू मै इधर उधर ले
Read Moreकब से दौड़ रहा हूं पीछे कुछ अब तो बता दीजिए! गुस्ताखी ये मेरी है तो पत्थर ही चला दीजिए
Read Moreअब कैसे बच पायेगी ओ, अब कैसे पढ़ पायेगी दूषित मन के मेलों में, अब कैसे चल पायेगी। इस लंका
Read Moreनव युग के निर्माता से, नौ लिखा गया न पढ़ा गया। हिन्दी बेचारी सिसक रही, कैसे इनको गढ़ा गया।। हिन्दी
Read Moreमेरे भी कई जहाज पानी में चलते थे। चांद और सितारे मेरे आंगन में पलते थे।। मिट्टी के खिलौने वो,
Read Moreउलझी लटों की तरह, ए जिंदगी उलझ गई। दम भरने को ठहरे तोे, ए जिंदगी फिसल गई। अपने हाथों से
Read Moreयुवा सुघोष बने पहले, राज दिलों पर कर डाला अब मोती मेरे निखर गये, बन गई है सुन्दर माला।। नित
Read More