तुम बिन ये जीवन क्या जीवन…
तुम बिन ये जीवन क्या जीवन, बिखरा सा घर सूना आंगन। हर पल तन्हाई का आलम, उतरा चेहरा डूबा सा
Read Moreतुम बिन ये जीवन क्या जीवन, बिखरा सा घर सूना आंगन। हर पल तन्हाई का आलम, उतरा चेहरा डूबा सा
Read Moreकुछ प्रेम लिख कुछ प्रीत लिख अनुराग की नव रीत लिख। इन धडकनों के स्वर के संग मनमीत मन का
Read Moreये जीवन लघु सरिता सा कभी छलका सा कभी रीता सा। कभी उदगारों के भाव विह्ल कभी सत्य सार्थक गीता
Read Moreकौन किसी की पीर सुने, सब पत्थर के इंसान यहां। रिश्ते नातें दौलत इनकी, दौलत ही भगवान यहां॥ भाव भावना
Read Moreआंखों में उसकी शिकायत भर नही है। पल रही कोई बग़ावत देखता हूं॥ जानें किस माहौल का है असर लेकिन।
Read Moreबात सच की कह के अपनी ज़िन्दगी से घात न कर। ये नकाबों का शहर है आईनों की बात न
Read Moreपंछी मधुरस घोल रहे हैं चहचाहट कर बोल रहे हैं जागो भोर हुई। मंदिर के घंटों बजते हैं दीप आरती
Read Moreफिर निकली कानून की अर्थी, फिर मानवता हार गई। निर्भया तेरी सारी चीखें, सब सिसकी बेकार गई॥ शर्म से पानी
Read Moreइन गुलाबी कोपलों को, मुस्कुराने दीजिये। धडकनों को आरजू का, गीत गाने दीजिये॥ खिलते फूलों का है मौसम, खिलने दो
Read Moreतू आगाज तो कर अंजाम की मत सोच। नाम में कुछ नही रखा नाम की मत सोच॥ जो तेरा फर्ज
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