मौत और जिन्दगी
जिंदगी रोज डरातीं है हमें जब भी मौका मिले धोखा दे जाती है हमें मौत का क्या है? वह हमेशा
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Read Moreबिखरे तो गई हूं फूलों के मानिंद तेरे दामन में अब समेटना न समेटना ,है..तुम्हारा हाथों में बड़ी देर से
Read Moreआज घर की दहलीज छोड़ते हुए सुमित्रा की आंखें मानो पथरा गई है। आंखों से उसके आंसू का एक कतरा
Read Moreआडम्बर में है अम्बर कई पाखण्ड ने किए खण्ड कई इन दोनों के पाटन में पीस गई है मानवता कई
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