मुक्तक/दोहा डॉ, विकास शर्मा 05/04/202427/04/2024 मुक्तक खुद को खुद में दफनाकर जी रहा हूँ मैं,इश्क़ करके जहर ए जुदाई पी रहा हूँ मैं।सुनो जरा! दोष उसका Read More
गीत/नवगीत डॉ, विकास शर्मा 07/01/202407/01/2024 गीत दिल को दफनाकर मुस्कुराते हुए जी रहा थासबसे छिप कर अपने गमों को पी रहा था……. तुम्हारे चंद अल्फाजों ने Read More
मुक्तक/दोहा डॉ, विकास शर्मा 07/01/202407/01/2024 मुक्तक दोगलों की इस दुनिया में किसी का ऐतबार मत करना,बेचैनी और तन्हाई ही मिलेंगी बस तुम प्यार मत करना।साथ देने Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ, विकास शर्मा 15/11/202317/11/2023 गजल किससे कहूँ, कौन सुनेगा, सब अपने में मस्त हैं,आज मुझे जरूरत है साथ की तो सब व्यस्त हैं। सर्द रात Read More
गीत/नवगीत डॉ, विकास शर्मा 15/11/202317/11/2023 अपना नहीं है दुनिया की भीड़ में कोई मेरा अपना नहीं है,जो टूटा ना हो ऐसा कोई मेरा सपना नहीं है। दूसरों को Read More