पद:गठरिया मत ….
ओ दीनन के हितकारी। मैं लागूं तेरी गुहारी हूँ दीन हींन दुखियारी। फंसकर माया जाल मे अपने प्रभु को दिया
Read Moreओ दीनन के हितकारी। मैं लागूं तेरी गुहारी हूँ दीन हींन दुखियारी। फंसकर माया जाल मे अपने प्रभु को दिया
Read Moreमेरी लेखनी का जादू संसार पर चला दो। अनुपम अमित अलौकिक साहित्य से मिला दो।। छन्दों के दोष सारे माँ
Read Moreहे शारदे माँ, हे शारदे माँ अंधेरे से हमको तू तार दे माँ। सरगम के सारे स्वर है तुझसे आरोह
Read MoreमाSSSत अम्बे वंदन तेरा
Read Moreऐसी दया करो महाराणी तेरा नाम न बिसरे मन से तेरा नाम न बिसरे मन से, तेरा नाम न बिसरे
Read More(सरस्वती वन्दना) वर दे, वर दे, वर दे…… हे वीणाधारिणी वर दे. हे हंसवाहिनी वर दे . हे निर्मल
Read Moreतर्ज – फूल तुम्हें भेजा है खत में हाथ जोड़ कर विनय करूँ प्रभु, मुझ को यह वरदान दो,
Read Moreप्रथम नमन गणपति को करता, प्रथम पूज्य आधिकारी। माँ शारद लक्ष्मी औ गौरी, शक्ति स्वरूपा महतारी। ज्ञान शारदा भर देती
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