जीवन संघर्ष
जिंदगी एक पहेली सी है जितना सुलझाओ उतना ही उलझती जाती है कब किस मोड़ पर एक चुनौती बनकर सामने
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Read Moreज़िन्दगी… अब तक तुमने जितने भी रेखाचित्र बनाये सूखी भुरभुरी इस रेत पर मिटने नही दिए मैंने उनके नामोनिशान… जिस
Read Moreप्यार कोई सुंदर बोलता – कोई हँसीन कोई पवित्र बंधन – कोई और हर दिशा – तरुण-तरुणी बाहें थामकर –
Read Moreना किसी का अंधभक्त हूँ ना किसी पार्टी विशेष का मै तो छोटा चारण हूँ अपने प्यारे भारत देश का
Read Moreमित्रो की हर लिस्ट देख , यारा चकराया । एक चौवालिस यार , बखूबी निभा न पाया । कभी पृष्ठ
Read Moreकर खुद को… नज़रों से ओझल क्या दिल से दूर हो जाओगे ? पाओगे जब… खुद को तन्हा, संग अपने
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