प्रभु एक आश है तेरी
लिखी तक़दीर में क्या खूब कभी समझ नही आती अपने दूर चले गए नादानी समझ नहीं पाए! जब मैं थी
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Read Moreसपनों की दुनिया में सपनों की तलाश में भींगी भींगी रातों में भींगी भींगी बाहों मैं प्रियतम तेरी याद आई।
Read Moreअंतर्राष्ट्रीय संगीत दिवस 21 जून पर विशेष संगीत में वह कोमलता है, जो पत्थर को मोम बना दे, जो पर्वत
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Read Moreसदियों से देखा अंबर ने है सदियों से साखी धरा पतंजली जी की दुआ है इसमें योग हमारी परंपरा ये
Read Moreचारों ओर है काल का तांडव हर ओर मचा है हाहाकार अपनी कुर्सी में मगन हमारी पटना और दिल्ली सरकार
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