एक मुलाकात
कशमकश भरी जिंदगी आपाधापी और उठापटक के बीच कभी वक्त ही न था जिन्दगी के पास सुहाने स्वप्नों को सजाते
Read Moreकशमकश भरी जिंदगी आपाधापी और उठापटक के बीच कभी वक्त ही न था जिन्दगी के पास सुहाने स्वप्नों को सजाते
Read Moreप्रजातंत्र का हाल बुरा है, जनता ने जनता को ठगा है। लोग कर रहे हाहाकार, चारों तरफ़ है भ्रष्टाचार।
Read Moreदुःखी होकर करची बोला, कलम से जमाना बीत गया जब छिलकर मुझे कलम बनाया जाता नित्य लिखने के लिए दवात
Read Moreकलियां ही ग़र तुम तोड़ोगे तो पुष्प कहाँ से लाओगे। अपना सूना आँगन फिर, तुम किससे महकाओगे। क्यों निर्मम हत्याएँ
Read Moreफिर शर्मसार हुई मानवता फिर से जागा शैतान कोई फिर हैवानियत ग्रास बनी है फूल सी नन्ही जान कोई किया
Read Moreअपने दिल के अरमान बेच कर, दूसरों के दुःख दर्द खरीद लेता हूँ, अब यही तो है व्यापार मेरा, दो
Read More“छंदमुक्त काव्य” गुबार मन का ढ़हने लगा है नदी में द्वंद मल बहने लगा है माँझी की पतवार या पतवार
Read Moreमेरा वैराग्य, वास्तव में मेरा सौभाग्य है। मेरी हस्ती, उस खुदा की मस्ती है। मेरा निश्चल प्रेम, उस ईश्वर का
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