तुम पर जब भी गीत लिखा
शब्द शब्द में सोचा तुम को फिर अक्षर अक्षर याद किया। प्रिय तुम्हारी खामोशी का ऐसे मैने एहसास किया।। तुम
Read Moreशब्द शब्द में सोचा तुम को फिर अक्षर अक्षर याद किया। प्रिय तुम्हारी खामोशी का ऐसे मैने एहसास किया।। तुम
Read Moreआइये , मिलकर पढ़ें वे मंत्र । जो जगाएं प्यार मन में , घोल दें खुशबू पवन में , खुशी
Read Moreमन के द्वारे पर खुशियों के हरसिंगार रखो. जीवन की ऋतुएँ बदलेंगी, दिन फिर जायेंगे, और अचानक आतप वाले मौसम
Read Moreतुम से बिछड़ के सोचा न था, फिर तुम से यूं मिलना होगा। उन गलियों में फिर अपना, इक बार
Read Moreहाँ मुझे प्यार हुआ है… हाँ मुझे प्यार हुआ है पर तुम परवाह मत किया करो उनकी बाहों में देख
Read Moreकरघा व्यर्थ हुआ कबीर ने बुनना छोड़ दिया । काशी में नंगों का बहुमत , अब चादर
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