सुबह सुबह जब पंछी भी नहीं जगे होते, हीर उस समय पनिहार से पानी लाकर पौधों में डाल देती। हीर गांव की एक अकेली विधवा है जिसके पति खदान में काम करते हुए अपनी जान गंवा बैठे थे। हीर का एक बेटा था और दस वर्ष की आयु में उसकी भी हैजा से मृत्यु हो […]
ई-बुक
केबी राइटर्स की पुस्तक “प्रेरणा” हुई प्रकाशित
झाझा, बिहार से संचालित देश के प्रतिष्ठित साहित्यिक मंच केबी राइटर्स की नई पुस्तक “प्रेरणा” प्रकाशित हो गई है। यह पुस्तक एक साझा काव्य संग्रह है, जिसे श्री चन्दन केशरी जी के द्वारा सम्पादित की गई है। केबी राइटर्स के अध्यक्ष व संचालक श्री कुन्दन केशरी जी जी ने बताया की इस पुस्तक में कुल […]
कवि का धर्म
कवि होना सहज नहीं। कवि होने के लिए धरती सा धीरज चाहिए। समेट लेता है कवि सारे भावों को सीप में छुपे मोती की तरह। समुंद मंथन कर दुनियां को देता है अनमोल काव्य रत्न। समाज में व्यापत विष को भी उजागर करता है और प्रेम रूपी अमृत को दुनियां से मिलाता है। बसंत […]
सृष्टि की उत्पत्ति रक्षण एवं प्रलय का ज्ञान विज्ञान सम्मत वैदिक सिद्धान्त
ओ३म् हम संसार में रहते हैं और इस सृष्टि का साक्षात् व प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं। हम जानते व मानते हैं कि इस सृष्टि का अस्तित्व सत्य एवं यथार्थ है। हमारी सभी ज्ञान इन्द्रियां हमारे सृष्टि के प्रत्यक्ष एवं यथार्थ होने की पुष्टि करती हैं। हम आंखों से इस सृष्टि को देखते हैं, कानों से […]
सदाबहार शिशु गीत-संग्रह
सदाबहार शिशु गीत-संग्रह
उत्तरांचली के आलेख-संस्मरण
मेरे आलेख और संस्मरण पर एक मात्र पुस्तक “उत्तरांचली के आलेख-संस्मरण” ऑनलाइन हेतु पीडीएफ भेज रहा हूँ। इसे पढ़ने के लिए लिंक को क्लिक करें। Uttranchali–Aalekh — महावीर उत्तरांचली
पुस्तक “रामभक्त शिव”
लेखक महावीर उत्तरांचली की पुस्तक “रामभक्त शिव” तैयार है। इस पुस्तक में जीवनी व 108 दोहे हैं। इसका लिंक नीचे दिया जा रहा है। इसे क्लिक करके आप पुस्तक को पढ़ सकते हैं। आपका ही महावीर उत्तरांचली RAMBHAKT_SHIV
कविता संग्रह- ई. बुक सदाबहार काव्यालय- 2
हमने फिर सदाबहार काव्यालय में प्रकाशन के लिए कविताएं आमंत्रित की थीं, जिसमें जय विजय के लेखकों ने भी अपनी कविताएं भेजी थीं. आज वह सदाबहार काव्यालय- 2 ई.बुक के रूप में प्रकाशित हो गई है. प्रस्तुत है उसका लिंक- ”ई. बुक सदाबहार काव्यालय- 2” का लिंक है-
गर्ल्स हॉस्टल में रात (उपन्यास)
…….मनोमस्तिष्क में रोने, बिलखने, सिहरने, चिंघाड़ने और दहाड़ने की आवाज कई दिनों से आ रही थी. कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था । अपना संतुलन जवाब दे रहा था. ऐसा था कि मानो कोहराम-सी मच गई थी, मनोमस्तिष्क में…… धाड़-धाड़, साँय-साँय, मार-काट, बम-ब्लास्ट इत्यादि के स्वर यथावत थे. जिंदगी पिरो-सी गई थी माला में– […]
ऐसा नहीं कि इन को दर्द नही होता
लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता। होता तो बहुत है पर वो उस को जाहिर नही करते। सिर्फ बेटियां विदा ही नही होती घर से। बेटे भी अकेले विदा हो जाते है घर से। बस उन की विदाई में बारात नही होती। उन की विदाई का अहसास दुनियां को नही होता। […]