लेमिनेशन
लोग अक्सर यह पूछते हैं- यार फेसबुक पर चेहरा क्यों नहीं लगाते हैं, तो उन्हें मैं कहना चाहता हूँ कि
Read Moreइस साल प्रकृति ने कुछ ज्यादा ही कहर बरपाया | पिछले वर्ष तो बाढ़ से कुछ फसल बच गई थी,
Read Moreमैं जमींदार उसी को मानता हूँ, जिन्होंने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा जीवनयापन के लिए रखकर शेष भूमि विद्यालय, महाविद्यालय,
Read Moreसुबह के चार बजे का समय रहा होगा. समारू काका की नींद खुल गयी. उन्हें जोर का प्रेशर आया था.
Read Moreयों ही कभी-कभी मन में जिज्ञासा की लहर उठती है. उस दिन भी ऐसा ही हुआ. मन में प्रश्न उठा-
Read Moreकाँवरियों के लिए मनिहारी नगर पंचायतीय मार्ग पर ऐसे सामग्री खुले भोजन-खुला-आकाशालय भी देखा गया, जिनके भोजन-परोसक काँवरियों को जबरिया
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