पानी का बुलबुला
आज फिर मासूम नमिता गोत्र की बलि चढ़ गई। एक तो गरीब मां-बाप ऊपर से दहेज लोभी समाज। स्वगोत्र में
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Read Moreअभी-अभी अनुषा का छोटा-सा मैसेज आया था- ”आंटी जी, बहुमूल्य परामर्श के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया, मेरा माइग्रेन अब ठीक हो
Read More”हौसला है तो हम हैं, हौसले की शमा जलाए रखिए, ये वो रोशनी है, जिसे तेल-बाती की दरकार नहीं.” हौसले
Read Moreदीप्ती ने अपनी दादी के मेकअप को अंतिम टच देकर कहा। “वॉओ…दादी…यू आर गोइंग टू रॉक इट..” सपना ने भी
Read Moreदरवाजे पर प्रीतम सेठ को देख कर रुकमणी की भौंहें चढ़ गई। सेठ और हमारे दरवाजे पर कहीं सूरज आज
Read Moreजरा सोचो मेघना अपनी नाजो से पली चिरैया जिसे हमने सब सुख सुविधाओं के साथ पाला ,और अभी आगे भी
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