क्यूंकि वह उसकी माँ थी !
अँधेरा गहरा होता जा रहा था। वह अब भी डरती -कांपती सी झाड़ियों के पीछे छुपी बैठी थी। तूफान तो आना
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Read Moreहॉस्पिटल के कैंसर वार्ड के विस्तर पर लेटे लेटे सुबीर थक चूका था l एक सप्ताह से वह हॉस्पिटल
Read Moreनंदू किसी तरह गाँव की पाठशाला में आठवीं पास करने के बाद शहर आ गया था , शहर में उसने
Read Moreशहर के बड़े अस्पताल के सर्जन की पत्नी को पहला बेटा होने को था। पर बेटा ही क्यों? बेटी क्यों नहीं?
Read Moreफैज़ल ने देखा की कल्लू काम पर जाने के लिए तैयार है , कल्लू ने जैसे ही फैज़ल को देखा
Read Moreचमनलाल मर गए। वैसे तो एक दिन उन्हें मरना ही था। हर कोई मर जाता है । इस फानी दुनिया
Read Moreआपने पिछले अंक में पढ़ा की करमू ने ठाकुर साहब की 20 बीघा जमीन जो की पथरीली थी उसे बंटाई
Read More” अरे ओ … तरवा की अम्मा..” करमू ने घर के बरामदे में कदम रखते ही जोर से आवाज लगाई
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