स्त्री-मन
सिद्धान्त और भावना कॉलेज की कैंटीन में घंटों से बैठे हुए थे लेकिन उनकी अभी तक एक कॉफ़ी खत्म नहीं
Read Moreसुबह का समय ! एक रेस्तरां का दृश्य जिसमें बेतरतीब बिछी कुछ मेजों पर बैठे कुछ लोग नाश्ता कर रहे
Read More‘वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है…..’ सुबह से गाने की पंक्तियाँ उसके जेहन में गूँज रहीं थीं। सिंधु परेशान
Read Moreरामदीन का पुश्तैनी पेशा मिट्टी के बर्तन एवं खिलौने बनाना था और उसके द्वारा बनाए गए सामान, उसके गाँव के
Read Moreइन्सानियत अभी ज़िंदा है *********************** शारदा उदय होते सूरज को नम आँखो से देख रही थी शुभ भी उसके पास
Read Moreमुसलाधार बारिश रात भर होती रही, शिवालिक पहाड़ियों के बीच बहती ब्यास के किनारे बसे गांव के लोग अभी अपने
Read Moreगांव में सड़क के किनारे बरगद का पेड़! महज पेड़ भर नही, रोज़ उगते और डूबते सूरज और चहचहाते पंछियों
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