कुण्डली/छंद

कुण्डली/छंद

मनहरण घनाक्षरी

प्राप्त हो वरदहस्त,मठाधीशों का जिन्हें भी,ऐसे चाटुकार यहाँ ,मंच चढ़ जाते हैं।करके छिछोरापन,सुना-सुना चुटकुले,कविता को पीछे छोड़, आगे बढ़ जाते

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