जड़ से मिटे बुखार..
दुष्टों का खात्मा करो, जड़ से मिटे बुखार। ड़र के मारे काँपते, कायर वे मक्कार।। कायर वे मक्कार, मिटाये अब
Read Moreदुष्टों का खात्मा करो, जड़ से मिटे बुखार। ड़र के मारे काँपते, कायर वे मक्कार।। कायर वे मक्कार, मिटाये अब
Read Moreपुस्तक से हो मैत्री, हैं वह ज्ञान खजाना। साहित्यिक कृतियों का, अनुपम काव्य तराना। कला कुशलता पाएं, ज्ञानी शिल्प रचाएं।
Read Moreझूले ऊँचा-नीचा, कर्मों का ये खेला। हिय हो शुभ भावों का, निर्मल मंगल मेला।। जीवन पावन धारा, धर्म-कर्म भंडारा। मानवता
Read Moreहिन्दी प्रियतम भाषा, बोले भारत वासी। वाणी मीठी जानो, निज अभिमान सुहासी। जैसे देशी घी की, खुशबू मन को भाये।
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