बसंत
पीली सरसों खेत में, नाच रही चहुँ ओर। मानो पीली शाटिका, लहराती पुरजोर।। लहराती पुरजोर, चढ़ी है नयन – खुमारी।
Read Moreभँवरे कलियाँ तरु झूम उठें जब फाग बयार करे बतियाँ| दिन रैन कहाँ फिर चैन पड़े कतरा- कतरा कटती रतियाँ|
Read Moreअजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम। जनमानस के बीच में, नेता है बदनाम।। नेता है बदनाम, रात-दिन
Read Moreआई देखो है लोहड़ी, खुशियाँ नहीं हैं थोड़ी, बना बनाकर जोड़ी , खुशियाँ मनाइये । तिल गुड़ लाओ सभी ,
Read Moreप्रेम कि बात छिपावत मोहन ,हाय हिया अकुलाय रहे । रीझ गयी सुन तान हरी जब,सुंदर गीत सुनाय रहे ।
Read Moreभौंका कुत्ता एक जब , हुआ गली में शोर। भौं भौं भौं मचने लगी, हुई भयावह भोर।। हुई भयावह भोर,
Read Moreममता तू है दोगली, स्वयं लगाकर आग अब कहती है जोर से, “भाग रे भइया भाग” भाग रे भइया भाग,
Read Moreप्याज बेचारी क्या करे, लोग करें बदनाम ‘महबूबा’-सा किया है गोडाउन में जाम गोडाउन में जाम, मचा कोहराम देखिए सपनों
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