5 अगल्प क्षणिकाएँ
1. घर का भूला जो जहाँ सहज रहे, वहीं अच्छा है….. गुलाम नबी आजाद से त्रस्त और बच्चे तेजस्वी से
Read More1. घर का भूला जो जहाँ सहज रहे, वहीं अच्छा है….. गुलाम नबी आजाद से त्रस्त और बच्चे तेजस्वी से
Read More1. बुलबुल चहकी सावन आया… बादल छाए… बुलबुल चहकी, फूल खिले, सब आये, तुम कब आओगी ? क्या यह आना
Read More1. चंद्रशेखर आजाद अमर क्रांतिकारी, स्वबलिदानी, स्वतंत्रता सेनानी “चंद्रशेखर आजाद” के जन्मदिवस पर सादर नमन ! इलाहाबाद या प्रयागराज सिर्फ
Read Moreडॉ. सदानंद पॉल की कविताएँ :- 1. बेटी-दामाद की खोज सवर्ण गरीब से लेकर सवर्ण MP, MLA, IAS, IPS द्वारा
Read Moreडॉ. सदानंद पॉल की क्षणिकाएँ :- 1. अमरबेल यादों के सहारे जी लेने दो लाठी के सहारे बढ़ जाने दो
Read Moreसर – आंखों पर बिठाने वाले मेरे अपने… इक दिन,,, चिता पर भी बिठाएंगे युक्तियों से बनाए गए घरौंदे से
Read Moreडॉ. सदानंद पॉल की जनसंख्या नियंत्रण पर कविताएँ 1. जनसंख्या नियंत्रण काहे को भारत में ‘जनसंख्या दिवस’, यहाँ शादी करने
Read Moreडॉ. सदानंद पॉल अद्भुत क्षणिकाएँ 1. चक्कूवाले मित्र उन मित्रो की समय रहते पहचान अवश्य कर लीजिए, जो अवसर मिलते
Read More1. शरमाये रो हित ‘रो’ हित ने एक विश्वकप में 5 शतक बनाये, फिर ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाकर थोड़ा शर्मा’ये !
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