नई कहानी बन
बस दिल से सच्चा हिंदुस्तानी बन।आये देश के काम वह जवानी बन॥ क्यों जला रहा ख़ुद से ही ख़ुद को,अगर
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Read Moreप्रेम का दरिया दिलों में फिर बहाना चाहियेज़िन्दगी को प्रेम के रंग से सजाना चाहिये | छा गयी है धुन्द
Read Moreगीत गजल दोहे चौपाई भटक रहे हैं मन मरुस्थल मेंकिस से पीर बताई जाए यह भी गायब वह भी गायबमंच
Read Moreगलियों में तेरी क़दम रखूंगा न कभी मैं भीअहद से अपने जो मुकर जाओ किसी दिन।ये तिशनगी बुझने का नाम
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