ग़ज़ल : इल्म के उजालों में
उम्र को नापिये न सालों में , जांचिए इल्म के उजालों में । कोई एक पल में लगे अपना सा
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Read Moreबस मुझे ही अपनी गलियों में यूँ ही न बुलाया कर कभी चाँद बनके तू भी मेरी छत पे आ
Read Moreजवानी जो आई बचपन की हुड़दंगी चली गई दफ़्तरी से हुए वाबस्ता१ तो आवारगी चली गई शौक़ अब रहे न
Read Moreआग नफ़रत की अब बुझानी है | प्यार की हर शमा जलानी है | प्यार से फूल जहाँ में खिलते
Read More31/8/18 प्यार में वो अश्क दामन भर गये | हाय यों लगता निकल गौहर गये | बेसबब भटका किये हम
Read Moreगीत मोहब्बत के ग़मों में गाना तुम | दर्द छुपकर महफ़िल में मुस्काना तुम | दुनिया कैसे उंगली पे नचाती
Read Moreक़त्ल हुआ और यह शहर सोता रहा अपनी बेबसी पर दिन-रात रोता रहा ।।1।। भाईचारे की मिठास इसे रास नहीं
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