“—————————- यह ना अपने हाथ ” !!
हमें निमंत्रण राहें देती , यह ना अपने हाथ ! चाहत है या मजबूरी है , यह ना अपने
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Read Moreगुलाल लै के बुलावेली भौजी फागुन मा । हजार रंग दिखावेली भौजी फागुन मा ।। छनी है भांग वसारे बनी
Read Moreशहर में रेत के सागर तलाश करती हूं ! हां मैं प्यासी हूं पानी तलाश करती हूं!! खो गया जाने
Read Moreउसकी चाहत में न जाने क्या – क्या कर बैठें। सुबह को शाम और रात को दिन समझ बैठे। आएगी
Read Moreकसम न खायेगें हम तेरी , ध्यान सदा ये रखना ! रेशम रेशम याद तुम्हारी , ध्यान सदा ये
Read Moreचाहा न कुछ खुदा से, तुझे चाहने के बाद मांगा न कुछ खुदा से, तुझे मांगने के बाद किसी और
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