गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. मनोज श्रीवास्तव 15/08/201715/08/2017 ग़ज़ल नादान इस तरह से सारा जहान देखें जैसे नसीब अपना जलता मकान देखें तकलीफ आपको है हम भी समझ रहे Read More
गीतिका/ग़ज़ल राज सिंह रघुवंशी 15/08/2017 गजल : कही नज़रो के वो इशारे कहाँ हैं कही नज़रो के वो इशारे कहाँ हैं मिले ग़म में हमको सहारे कहाँ हैं छुपाते हो दिल में कई राज़ Read More
गीतिका/ग़ज़ल शुभदा बाजपेई 15/08/2017 ग़ज़ल कर न पाया कोई जो वो काम उसने कर दिया राहे उल्फ़त में मुझे बदनाम उसने कर दिया फेर कर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *आशा शैली 15/08/2017 ग़ज़ल हमें ललकार सुनकर चाहिए हुशियार हो जाना नहीं सोने का मौका साथियो बेदार हो जाना ये हिन्दुस्तान की मिट्टी भले Read More
गीतिका/ग़ज़ल *आशा शैली 15/08/201719/08/2017 ग़ज़ल सावनी बौछार हो इक ग़म भुलाने के लिए आम का भी पेड़ हो झूला झुलाने के लिए रात भर के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी 14/08/2017 कान्हा कुछ ऐसा कर दे ,कान्हा ! प्रेम सुधा भर दे ,कान्हा ! जो बेघर फुटपाथों पे, इनको भी घर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 14/08/201719/08/2017 गज़ल तू भी मेरी तरह ही गलती का पुतला निकला, मैंने समझा था तुझे क्या और तू क्या निकला तमाम शहर Read More
गीतिका/ग़ज़ल बेख़बर देहलवी 12/08/201720/08/2017 ग़ज़ल दास्ताँ दर्दे दिल की सुनाते रहे। वो हमें देख कर मुस्कराते रहे। टूट करके बिखरने से क्या फायदा। ये गलत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 11/08/2017 गीतिका मातृभूमि पर शीश झुकाऊं ये गगन, ओढ लूं आज, एक तिरंगा बदन लपेटूं अपना वतन, ओढ लूं आज! अम्नो-अमान हो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 11/08/2017 ग़ज़ल वो नशीली शराब की सूरत यूँ लगे है जनाब की सूरत । मेरी हस्ती सवाल के जैसी और वो हैं Read More