घायल पर्यावरण
मैं घायल पर्यावरण हूं, मुझे संवारो, मुझे संवारकर सृष्टि का रूप निखारो, मुझे संवारोगे तो सृष्टि रहने योग्य बन जाएगी,
Read Moreमैं घायल पर्यावरण हूं, मुझे संवारो, मुझे संवारकर सृष्टि का रूप निखारो, मुझे संवारोगे तो सृष्टि रहने योग्य बन जाएगी,
Read Moreनीली नीली धरती अपनी आँचल में हैं रत्न अपार! तरह-तरह के वृक्ष लगाकर आओ धरा का करें श्रृंगार । स्वच्छ,
Read Moreनिकालो कोई उपाय, सुझाओ कोई युक्ति! दिला दो हे भगवन!, अब मुसीबत से मुक्ति।। ज़िन्दगी का सफर ये, पथरीला बड़ा
Read Moreकदम दो कदम के फ़ासले ये नहीं होता फ़ासला । बुलंदियों के ऊंचाई पर रहे विरासत का हौसला ।। अपनी
Read Moreपथिक को मंजिल मिलेगी सतत यात्रा के सहारे लिए आशा स्वाति जल की चकोरी नभ को निहारे झरे झरना चीर
Read Moreमन होश रहे,तन जोश रहे,रोक नहीं राह कोई सकता। बल तन में, विश्वास मन में,रोक नहीं राह कोई सकता। होश
Read Moreआज हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हूँ, हां साहब! मैं मजदूर हूँ, हां साहब! मैं मजदूर हूँ। दूसरों के
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