गीत : वे आठ कमीने याद रहे
(भोपाल जेल से भागे आतंकियों की मुठभेड़ पर सवाल उठाने वाले नेताओं को जवाब देती आम हिंदुस्तानी के जज़्बात से
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Read Moreएक किताब जिसके पन्ने पुराने हो गए, क्या उसके शब्दों का कोई अर्थ न रहा। ज़िंदगी तो सदियों से चली
Read Moreचाय-पान की गुमटी डाले हरिया अपने बच्चे पाले बेच रहा है पान-सुपाड़ी गप्प लड़ाए बैठ अनाड़ी निकला सूरज हुए उजाले
Read Moreकलम आज जय उनकी बोलो, जिनकी अजब कहानी है, जिनके बलिदानों से पावन , गंग-जमुन का पानी है, कलम आज
Read Moreपढ़ती बाला आस जगाती, भावी कल इनका होगा सैनिक अपने पहरा देते, मान इन्हें देना होगा | कही क्रोध है
Read Moreक्या लिखूँ कैसे लिखूँ , छन्द जब आता नहीं । भावना तूफान मन्मथ छन्द रस भाता नहीं । कल्पनाओं का
Read Moreछोटे-छोटे दीप जले कितने उत्साह से. टिम-टिम तारे जैसे उतरे हैं आकाश से. गली-मोहल्ले-चौबारे घर-ड्योढी-द्वारे. दूर तलक दीपावली अपने
Read Moreआज दिवाली है हर घर में छलक रही खुशहाली है देश में कुछ घर ऐसे भी हैं जिनकी रातें काली
Read Moreआओ दीपावली मनाएँ इस नीरव बीहड़ से वन को करें आलोकित अंतर्मन को सत्य, ज्ञान के दीप जलाएँ आओ दीपावली
Read More(भारत के अमर जवानों को, उनके परिवारों को समर्पित है इस दीवाली का हर दीप और मेरी कविता का हर
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