देखकर बहता लहु ये चोटियां हैरान है….
देखकर बहता लहु ये चोटियां हैरान है। नोच डाली किसने ज़न्नत कौन वो शैतान है॥ इन फ़िज़ाओं में घुला है,
Read Moreदेखकर बहता लहु ये चोटियां हैरान है। नोच डाली किसने ज़न्नत कौन वो शैतान है॥ इन फ़िज़ाओं में घुला है,
Read Moreआज की सुबह फिर से आई है, इक नयी उम्मीद लेकर आशा की एक नयी किरण, इक नयी तस्वीर लेकर
Read Moreसब खोये हैं कोहरे के बाहुपाश में पर्वत, शीत हवाएँ, परिंदे दुपके आकाश में रही सजती धरातल भी प्रात में
Read Moreहंसकर तमाम ज़िन्दगी के दर्द सह गये। दिल के सभी अरमां दबे दिल में ही रह गये॥ हमने कभी आंखों
Read Moreलहराता है जब पीत-दल धरा जब ले अंगड़ाई पुलकित होते उपवन जब लेकर मानस की गहराई देखो ! बसंत ऋतू
Read Moreजीवन एक अभियान हो गया जितनी अड़चन मिली राह में , सफ़र और हो गया। 1 सोच रहे थे
Read Moreरहा नहीं अब शक कोई उनके नापाक इरादों पर ना करो भरोसा बार-बार हमसाए के झूठे वादों पर जितनी बार
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