वीर छन्द गीत – कुछ तो लोग कहेंगे
कुछ तो लोग कहेंगे इसकी,करे उम्र भर क्यों परवाह । नाहक ही खुशियां खो बैठे,अंतर्मन का करके दाह । उलझ
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Read More“हर सिक्के के दो पहलू हैं”—हर सिक्के के दो पहलू हैं,उलट-पलटकर देख ज़रा।बिन परखे क्या पता चलेगा,किसमें कितना खोट भरा।।—हर
Read Moreजब से बरसल बा सावन के फुहार, मौसम में आ गईल बा बहार भौजी। सब जीव जंतु करत
Read Moreतुम बनो कल्पना मेरी मैं कवि बन जाऊँगा। जीवन का सच्चा आनंद मैं तुमको दे जाऊंगा। ढीली करो धनुष की
Read Moreगीत नीर भरी कारी बदरी हूँ , आज गगन में , मैं इतराउं । डोल रहे हैं रीते बदरा ,
Read Moreएक थे हम सब, एक रहे हैं, एक रहेंगे सदा-सदा छोटे-मोटे झगड़े चाहे, चलते रहते यदा-कदा- 1.कई सदियों तक राज
Read Moreगीत देश भले ही तरक्की कर ले , जनता धक्के खाती है । उनके हित की बने योजना , भला
Read Moreगीत मन से मन के तार जुड़े हैं , मन से मन को तोला है . जगमग करती इस दुनिया
Read Moreगीत बेटी के संग ब्याहे सपने , सब टूट गये , बिखरे जाते । दौलत से जब रिश्ते तुळते ,
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