“हर सिक्के के दो पहलू हैं”
“हर सिक्के के दो पहलू हैं”—हर सिक्के के दो पहलू हैं,उलट-पलटकर देख ज़रा।बिन परखे क्या पता चलेगा,किसमें कितना खोट भरा।।—हर
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Read Moreजब से बरसल बा सावन के फुहार, मौसम में आ गईल बा बहार भौजी। सब जीव जंतु करत
Read Moreतुम बनो कल्पना मेरी मैं कवि बन जाऊँगा। जीवन का सच्चा आनंद मैं तुमको दे जाऊंगा। ढीली करो धनुष की
Read Moreगीत नीर भरी कारी बदरी हूँ , आज गगन में , मैं इतराउं । डोल रहे हैं रीते बदरा ,
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Read Moreगीत देश भले ही तरक्की कर ले , जनता धक्के खाती है । उनके हित की बने योजना , भला
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Read Moreगीत बेटी के संग ब्याहे सपने , सब टूट गये , बिखरे जाते । दौलत से जब रिश्ते तुळते ,
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