मुक्तक
मुक्तक आसमां को छू सकूँगी देखना अब एक दिन चाँद तारों की करूँगी सैर मैं तब एक दिन दूर तक
Read Moreरंग भद्दे हो चुके अब देख इस तस्वीर के। अंक उल्टे सब हुए हैं आजकल तकदीर के। जो कभी
Read Moreलल्लू-पंजू पूछ रहे हैं- कब आयेंगे अच्छे दिन? फ़ौरन पकड़ बाँध लो, नहिं तो तरसायेंगे अच्छे दिन पन्द्रह-पन्द्रह लाख डाल
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