माता की चिट्ठी दोहों में
माता की चिट्ठी मिली,झंकृत उर के तार। लगता मुझको मिल गया,यह पूरा संसार।। माता की चिट्ठी सुखद,जो लगती उपहार। माता
Read Moreमाता की चिट्ठी मिली,झंकृत उर के तार। लगता मुझको मिल गया,यह पूरा संसार।। माता की चिट्ठी सुखद,जो लगती उपहार। माता
Read Moreमुक्तक तुम आओ तो बहारें भी आएंगी वरना जिंदगी वीरान है वीरान ही गुजर जाएगी. खुशी एक ऐसी चीज है,
Read Moreनित पावन सम्बंध हों,तब बनती है बात। पावनता यदि लुप्त हो,तो अँधियारी रात।। सदा सुहावन बंध हो,तब भूषित सम्बंध। अस्थायी
Read Moreमुक्तक हमने चाहा था दर्शन हो पवित्रता का भी पर सौंदर्य और पवित्रता का मिलन दुर्लभ है ऐसा लोग
Read Moreमुक्तक तुम मुझे पृथ्वी कहते हो, पृथ्वी दिवस भी मनाते हो, साथ ही मुझमें हरियाली की जगह प्लास्टिक और पॉलिथिन
Read Moreसुख -शांति जिस घर गुस्सा वासना, मन में लालच होय. उस घर नहि हो सुख शांति, यह जानत सब कोय..
Read Moreधरती माता पालती,संतति हमको जान। धरती माता के लिए,बेहद है सम्मान।। अवनि लुटाती नेह नित,करुणा का प्रतिरूप। इसकी पावन गोद
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