दोहे
१ बजी बहुत प्रेम बांसुरी ,अब लो शंख उठाय सुदर्शन बिन कलि काल में ,जनतंत्र बच न पाय २ बहु
Read Moreभारत माँ के पूत थे,सचमुच वीर सुभाष। जिन ने माता को दिया,कदम-कदम विश्वास।। अमर शहीदों के लिये,देता हूं संदेश ।
Read Moreअब मत हरगिज़ ढूढिये, पहले वाली बात। चाल चलन बदले सभी,बदल गये हालात। ख़ुद्दारी को भूलकर , करते हैं फरियाद।
Read Moreस्याही-कलम-दवात से, सजने थे जो हाथ ! कूड़ा-करकट बीनते, नाप रहें फुटपाथ !! बैठे-बैठे जब कभी, आता बचपन याद !
Read Moreअतुलित सुख और आनंद हैं वहां खुशियों का आज लगा है मेला, समय है बड़ा अलबेला, फलो-फूलो,कामयाबी सदा मिले, आनंद
Read Moreअब मत हरगिज़ ढूढिये, पहले वाली बात। चाल चलन बदले सभी,बदल गये हालात। ख़ुद्दारी को भूलकर , करते हैं फरियाद।
Read Moreदिन आया अति पावन पवित्र मकर संक्रांति की खुशियां फैलीं सर्वत्र उड़ेगीं आकाश में नीली -पीली पतंग सब जन मिलकर
Read More